मंगलवार, 26 नवंबर 2013

आरुषि मर्डर की गुत्थी

आरुषि मर्डर की  गुत्थी 

  आज आरुषि हत्या कांड की गुत्थी को सुलझाने का दावा करती हुई कोर्ट कि ओर से फैसला आ गया और पिता को दोषी और माँ को हत्या में सहयोगी समझते हुए आजीवन कारावास कि सजा सुनाई गयी। 

  पता नहीं दिल ये स्वीकार कर ही नहीं पा रहा है पढ़े -लिखे डॉक्टर दंपत्ति ऐसा कर गुजरेंगे। कोर्ट के फैसले को यदि सच मानें तो दिल दहसत से भर जा रहा है कि बेटी वाकई कहीं सुरक्षित नहीं है ,चाहे कोख हो,सड़क हो ,बस हो ,लिफ्ट हो ,ऑफिस हो या फिर अपने घर में हो। काल्पनिक बातों से परे यदि सोचे कि ऐसा कौन सी गलती उस बच्ची से हो गयी थी जिस कि कोई माफी नहीं थी। आज जिसे सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री कह कर साढ़े पाँच  साल से उछाला  जा रहा है ,उससे काफी कम उछाल बाप कि पगड़ी की हुई होती यदि सिर्फ एक माफ़ी आरुषि को मिल जाती। क्या तलवार बिना सोचे समझे आवेश ,उत्तेजना और क्रोध में अंधे हो ये नहीं देखता  कि कट क्या रहा है बेटी ,नौकर ,इज्जत या जिंदगी ?
  सुनते हैं तलवार दंपत्ति निःसंतान थे ,काफी सालों के बाद कृत्रिम तरीके से यानि आरुषि एक test  tube बेबी थी। कभी कभी इंसान ,ईश्वर के संकेतों को समझ नहीं पाता  है। शायद निःसंतान रहने का दुःख इस जहालत वाली जिंदगी से बहुत कम होता।