कुछ मनोरंजक तथ्य जीवन के -
पिज़्ज़ा हमेशा हमें चकित कर देती है। ये चौकोर डिब्बे में आती है ,जब इसे खोलते हैं तो ये गोल होता है और जब खाना शुरू करते हैं तो ये त्रिकोण होता है।
जिंदगी और लोग पिज़्ज़ा की तरह दिखते कुछ और हैं ,वस्तुतः कुछ और होतें हैं और व्यवहार उनका कुछ और ही होता है।
अच्छा वक़त और बुरा वक़्त एक सोच है। रेलवे स्टेशन की भीड़ में हमारा दम घुटता है वहीँ डिस्को की भीड़ मन खुश कर देती है।
अस्पताल की दीवारो ने अधिक प्रार्थनाएं और दुआ के स्वर सुने होंगे ,एक मंदिर या मस्जिद की तुलना में।
अक्सर जिंदगी में हम बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल नहीं कर पाते हैं जैसे
बड़े पुरस्कार
नोबेल
ऑस्कर
ग्रैमी
डिग्रीयां
बेस्ट जॉब
पहला रैंक
सर्वोत्तम कॉलेज से शिक्षा
पर हम सब हमेशा जिंदगी की छोटी छोटी उपलब्धियों के योग्य हमेशा होते हैं
बेस्ट फ्रेंड से गलबहियां
माँ की गोद में नींद
एक ख़ूबसूरत सूर्यास्त
बरसात में भींगना (रेन डांस)
एक सुहानी सी शाम अपने टेरेस पर
पुराने कोट की जेब में अचानक रूपये निकल आना
सुकून की नींद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद। ...
वो नजर कंहा से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे,
वो दवा कंहा से लाऊँ जो ईस ददॅ को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहेता है तकदिरो में,
पर वो तकदिर कंहा से लाऊँ जो हम दोंनो को मिला दे.. ...
कभी हंसते हो कभी तुम रूठ जाते हो,
तुम इन अदाओं से मेरा दिल चुराते हो,
बुझ गई हूं मैं बंधनों में रहते-रहते,
एक तुम ही तो हो जो मुझको जलाते हो,
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर,
ख्वाब का दरिया सहरा में बहाते हो,
बारहा तेरे ही पास मैं चली आती हूं,
अपने सितमों से ऐसा असर छोड़ जाते हो..
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पिज़्ज़ा हमेशा हमें चकित कर देती है। ये चौकोर डिब्बे में आती है ,जब इसे खोलते हैं तो ये गोल होता है और जब खाना शुरू करते हैं तो ये त्रिकोण होता है।
जिंदगी और लोग पिज़्ज़ा की तरह दिखते कुछ और हैं ,वस्तुतः कुछ और होतें हैं और व्यवहार उनका कुछ और ही होता है।
अच्छा वक़त और बुरा वक़्त एक सोच है। रेलवे स्टेशन की भीड़ में हमारा दम घुटता है वहीँ डिस्को की भीड़ मन खुश कर देती है।
अस्पताल की दीवारो ने अधिक प्रार्थनाएं और दुआ के स्वर सुने होंगे ,एक मंदिर या मस्जिद की तुलना में।
अक्सर जिंदगी में हम बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल नहीं कर पाते हैं जैसे
बड़े पुरस्कार
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पर हम सब हमेशा जिंदगी की छोटी छोटी उपलब्धियों के योग्य हमेशा होते हैं
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माँ की गोद में नींद
एक ख़ूबसूरत सूर्यास्त
बरसात में भींगना (रेन डांस)
एक सुहानी सी शाम अपने टेरेस पर
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सुकून की नींद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद,
तुझ से मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद। ...
वो नजर कंहा से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे,
वो दवा कंहा से लाऊँ जो ईस ददॅ को मिटा दे,
मिलना तो लिखा रहेता है तकदिरो में,
पर वो तकदिर कंहा से लाऊँ जो हम दोंनो को मिला दे.. ...
कभी हंसते हो कभी तुम रूठ जाते हो,
तुम इन अदाओं से मेरा दिल चुराते हो,
बुझ गई हूं मैं बंधनों में रहते-रहते,
एक तुम ही तो हो जो मुझको जलाते हो,
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर,
ख्वाब का दरिया सहरा में बहाते हो,
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