बुधवार, 10 जुलाई 2013

उतार- .चढ़ाव .....

सचमुच जीवन बहुत कठिन है.
बहुत कठिन है बहुत कठिन है.
याद नहीं सुख कब आया था
सुख भरे दिन हो गए स्वप्निल
सुख का सारा जीवन बीता....
दुःख ने छीन लिया  हर वो  पल
बिखर गया है सारा जीवन...
 पल पल दुखमय कण कण.
दौड़ रहें हैं भाग रहें है..
दिशाहीन हो भटक रहें हैं.
सचमुच जीवन बहुत कठिन है.
बहुत कठिन है बहुत कठिन है.

प्यार भरा था सारे रिश्ते
अपनापन में रिश्ते  नाते
मन जीवन सब महक रहा था
प्रेम सुगंधी से दिल चहक रहा था.
रोग बीमारी दूर पड़ी थी.
कदम  सफलता चूम रही थी.
कार्य क्षेत्र भी बड़ा सरस था.
बिगड़े काम सवंर ही जाते.
दुःख-विपत्ति टलते जाते.
ऐसा जीवन बीत गया सब.
स्वप्न लोक सा मेरा जीवन
कहाँ गया आलोकित वो मन.

अब तो  जीवन बहुत कठिन है.
बहुत कठिन है बहुत कठिन है.
खट्टे हो गए रिश्ते नाते......
अपने को अब हम न भाते.
उनकी ही तो हाय ! पड़ी है..
रूठ रूठ कर लड़ी पड़ी है..
नए जगह में नए लोग हैं
कार्य क्षेत्र में पूछ नहीं है
अपना कोई हीत नहीं है
हीत नहीं है मीत नहीं है.
सूनापन है खालीपन है.
बेचारगी आवारापन है.
रोग-बीमारी अक्सर  रहते
थक गए अब सहते सहते.
बनता काम बिगड़ ही जाता
सफल सफलता दूर है जाता.
यूं ही जीवन बीत रही है...
सुखमय जीवन रीत रही  है.


सचमुच जीवन बहुत कठिन है.
बहुत कठिन है बहुत कठिन है.
गलती हो तो माफ़ करो जी... 
जीवन दिल को साफ़ करो भी.
टूटे रिश्ते फिर से जोड़ो.....
जोड़ो ऐसा पक्का नाता
प्यारभरा जीवन पथ गाथा.
सुफल  सफलता घर भी आओ
हम को अब तुम छोड़ न जाओ.
सुख मेरे तुम वापस आओ.
दुख  को सारे तुम दूर भागो.
प्रेम मुहब्बत बसने आओ
रोग बीमारी जल्दी भागो.
किस्मत जीवन सरस बना दो
सुखद बना दो सफल बना दो.








  

8 टिप्‍पणियां:

  1. सुखमय जीवन की आस सभी करते हैं ..लेकिन सबको नसीब हो यह अपनी अपनी किस्मत की बात है ,..
    बहुत सुन्दर रचना ..,

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  2. प्रभावी रचना...शुभकामनाये आपको !!

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    1. सतीश सक्सेना जी ,मुझे शब्द और कविता लेखन का जरा भी ज्ञान नहीं है.आपको यदि प्रभावी लगी तो सच दिल से धन्यवाद्.

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  3. itni lambi par kitni sarthak kavita..yek-yek shabd gahre bhav liye hai.....badhai.....

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    1. अपर्णा जी आप तो मेरा स्तर जानती हैं,साहित्य से थोडा परिचय आप ने ही कराया है.एक नौसखिये कि भावनाओ के बुलबुलों को आपने कैसे पसंद किया मुझे आश्चर्य हो रहा है......धन्यवाद सखी.:) :)

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  4. बहुत उम्दा रचना | सत्यता को बखूबी दर्शाया है आपने

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