मंगलवार, 22 जुलाई 2014

मनमौजी दरजी

ईश्वर बड़ा ही
 है। हम कितना भी उसे डिज़ाइन और कट समझातें हैं,वह सिलता अपनी मन का ही है। हम चाहें ना चाहें पहनना उसे ही पड़ता है। शुरू में भले वह फिट ना लगता हो पर धीरे धीरे हम उसी लिबास के आदी हो जातें हैं  और वो हम पर फबने भी लगता है।


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